नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल, सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत ली थी। गृह मंत्रालय ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। 30 से ज्यादा आरोपी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। इस मामलें की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को की जाएगी। ईडी की जांच के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को कोर्ट ने तलब किया था। घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अन्य आरोपियों को भी तलब किया गया था। कोर्ट ने सभी को सात अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा था। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव के इसमें होने से मना नहीं किया जा सकता। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। उन्हें भी जमन जारी किया गया है। इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।